UP सरकार का ‘संविधान बदलाव’ लेटर विवाद: कांग्रेस नेता दीपक सिंह का तीखा हमला

महेंद्र सिंह
महेंद्र सिंह

उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया तूफ़ान उठ गया है। UP सरकार द्वारा जारी एक आधिकारिक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसे लेकर कांग्रेस नेता और पूर्व MLC दीपक सिंह ने जमकर निशाना साधा है।

दीपक सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार संविधान के अनुच्छेद 208 और विधानसभा की कार्य संचालन नियमावली 158 में बदलाव की कोशिश कर रही है, जो लोकतंत्र के लिए “दुर्भाग्यपूर्ण और खतरनाक” कदम है।

वायरल लेटर में क्या है?

यह पत्र मुख्यमंत्री द्वारा विधान भवन की निर्धारित कक्षाओं में आयोजित होने वाली माननीय विधान मंडल समितियों की बैठकों से संबंधित है। पत्र में एक विशेष सचिव स्तर के अफसर को समिति की बैठकों में “स्थायी रूप से उपस्थित रहने” की अनुमति दी गई है। साथ ही, विभागीय सचिव, प्रमुख सचिव और उनके प्रतिनिधि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठकों में शामिल हो सकेंगे।

यही बात अब विवाद का केंद्र बन गई है।

दीपक सिंह का हमला: “संविधान बदलने की तैयारी?”

कांग्रेस नेता दीपक सिंह ने कहा कि UP सरकार द्वारा जारी यह पत्र विधानसभा की स्वायत्तता पर सीधा हमला है।
उनके मुताबिक— “इसी तरह धीरे-धीरे संविधान और नियमों को बदलने की प्रक्रिया शुरू होती है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।”

उन्होंने इसे आधिकारिक प्रक्रियाओं को कमजोर करने और प्रशासनिक दखल बढ़ाने की कोशिश बताया।

UP में नियम बदलेंगे या खेल बदलेंगे?

राजनीति के गलियारों में चर्चा गर्म है कि यह बदलाव “काम की स्पीड बढ़ाने के लिए है या सवालों से बचने के लिए?”
विपक्ष का कहना है— “अगर अगली बार कोई लेटर आए कि बैठक में AI ही जवाब देगा, तो हैरान मत हो जाना।”

UP की राजनीति में यह पत्र छोटा जरूर है, लेकिन इसका राजनीतिक असर बड़ा है। अब गेंद सरकार के पाले में है— क्या यह सिर्फ प्रक्रिया सुधार है या किसी बड़े बदलाव की शुरुआत?

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